Domain Name और Web Hosting में क्या अंतर है? – आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि इंटरनेट के अंतर्गत ब्लॉगिंग का बिजनेस शुरू कर रहा है। यदि आप भी ब्लॉगिंग करना चाहते हैं , तो ब्लॉगिंग करने से पहले आपका यह जानना बहुत जरूर है कि डोमेन नेम और वेब होस्टिंग में क्या अंतर होता है। बहुत से लोग ब्लॉगिंग का काम तो शुरू कर लेते हैं पर उनहे इसकी जानकारी ना होने के कारण अपने बिजनेस को प्रमोट नहीं कर पाते । इसीलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के अंतर्गत डोमेन नेम और वेब होस्टिंग में क्या अंतर होता है, इसके बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। तो चलिए इन दोनों के बारे में एक-एक करके जानते हैं।
डोमेन नेम क्या है
डोमेन नेम किसी भी वेबसाइट का एड्रेस होता है जिसकी मदद से हम उस वेबसाइट पर सर्च कर के उस तक पहुंचते हैं। और इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट का डोमेन नेम अलग अलग होता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो डोमेन नेम का इस्तेमाल किसी एक वेबसाइट के लिए ही किया जा सकता है। किसी भी दो वेबसाइट का डोमेन नेम एक समान नहीं हो सकता । इंटरनेट के अंतर्गत किसी भी वेबसाइट को बनाने के लिए डोमेन नेम का होना अति आवश्यक होता है। बिना डोमेन नेम के ना तो लोग वेबसाइट को जान पाएंगे और ना ही उस तक पहुंच पाएंगे इसीलिए किसी भी वेबसाइट को चलाने के लिए एक डोमिन नेम का होना बहुत जरूरी होता है।
यदि आप एक डोमेन नेम का इस्तेमाल अपने वेबसाइट के अंतर्गत करना चाहते हैं , तो इसके लिए आपको सबसे पहले डोमेन नेम रजिस्टर करना पड़ता है। सीधे और सरल शब्दों में कहूं तो आपको अपनी वेबसाइट के अंतर्गत डोमेन नेम का इस्तेमाल करने के लिए उसे खरीदना पड़ता है। कोई भी डोमेन नेम कम से कम 1 साल के लिए रजिस्टर किया जाता है। इस एक साल के दौरान आप इस डोमेन नेम के मालिक होते हैं, इसी कारण कोई दूसरा व्यक्ति आपके डोमेन नेम को नहीं खरीद सकता। हालांकि आप जब चाहे तब अपने डोमेन नेम को बेच सकते हैं।
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कोई भी डोमेन नेम कम से कम $5 से $10 तक के बीच में मिल ही जाता है। हालांकि किसी भी डोमेन नेम की प्राइस उसके एक्सटेंशन पर निर्भर करती हैं। डोमेन नेम की एक्सटेंशन कुछ इस तरह होती है- .com, .in , .org , .net इत्यादि। आपको इंटरनेट के अंतर्गत बहुत सारे डोमेन नेम रजिस्टर्ड मिल जाएंगे जिसकी मदद से आप अपने डोमेन नेम को खरीद या बना सकते हैं।
वेब होस्टिंग क्या है
जिस प्रकार डोमेन नेम किसी भी वेबसाइट का एड्रेस होता है ,ठीक उसी प्रकार वेब होस्टिंग किसी भी वेबसाइट का घर होता है। सीधे और सरल शब्दों में कहूं तो है वेब होस्टिंग के द्वारा किसी भी वेबसाइट के अंतर्गत जो भी फाइल, डॉक्यूमेंट या सॉफ्टवेयर होते हैं उन्हें इंटरनेट के अंतर्गत स्टोर किया जाता है।
वेब होस्टिंग का काम किसी भी वेबसाइट की सभी फाइल को स्टोर कर के रखने का होता है और जरूरत पड़ने पर इन फाइल को वेबसाइट यूज़र तक पहुंचाने का होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी भी वेबसाइट का डोमेन नेम अपने वेब ब्राउजर के माध्यम से सर्च करता है तो उस यूजर का वेब ब्राउजर इंटरनेट के माध्यम उस वेबसाइट को यूजर तक पहुंचाने की रिक्वेस्ट करता है। उसके बाद यूजर को उस वेबसाइट से जुड़ी हुई सारी फाइल और डॉक्यूमेंट इंटरनेट के माध्यम से मिल जाती है।
किसी भी वेबसाइट का डोमेन नेम इंटरनेट को उसके वेबसाइट के वेब सर्वर या होस्टिंग तक पहुंचाने का भी कार्य करता है। जिसके माध्यम से इंटरनेट यूजर की रिक्वेस्ट को वेबसाइट के वेब सर्वर को फॉरवर्ड कर देता है । जिसके जवाब में वेबसाइट का वेब सर्वर वेबसाइट के अंतर्गत मौजूद फाइल और डाक्यूमेंट्स को यूजर के वेब ब्राउज़र तक पहुंचा देता है । जो कि एक यूजर को वेबसाइट की तरह नजर आती है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो वह दोस्ती में एक वेब सर्वर होता है जो कि किसी भी वेबसाइट के फाइल और सॉफ्टवेयर को स्टोर करके रखता है। और यूजर्स के रिक्वेस्ट करने पर उन्हें एक वेबसाइट की तरह शो करता है। जिस प्रकार किसी भी वेबसाइट के लिए एक डोमेन नेम आवश्यक होता है। ठीक उसी प्रकार किसी भी वेबसाइट के लिए वेब सर्वर का होना भी अति आवश्यक होता है ।इन दोनों के बिना वेबसाइट अधूरा रहता है।